अब्राहम लिंकन का पत्र उसके बेटे के अध्यापक के नाम
(अब्राहम लिंकन , संयुक्त राज्य अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति, ने यह पत्र उनके पुत्र के अध्यापक को लिखा था। यद्यपि यह एक पत्र मात्र है परन्तु यह नैतिक मूल्यों का एक दस्तावेज बन गया है।)
आदरणीय श्रीमान,
आज मेरे बेटे का विद्यालय का पहला दिन है। उसके लिए हर चीज नई और अनजान है।मैं चाहता हूँ कि आप उसे वो बातें सिखायें जो उसके जीवन के लिए उपयोगी हो।
- आप उसे सिखाएं की सभी लोग न्याय प्रिय,सरल या सच्चे नहीं होते हैं, साथ ही आप उसे यह भी सिखाएं कि प्रत्येक बुरे से बुरे व्यक्ति में एक अच्छाई का गुण होता है, स्वार्थी नेताओं में कोई समर्पित नेता भी होता है, दुश्मनों के बीच कोई मित्र भी होता है अर्थात दुश्मन में दोस्त बनने की संभावना भी होती है।
- मैं जानता हूँ कि इन बातों को सीखने में उसे समय लगेगा, परन्तु आप उसे सिखाएं कि मेहनत से कमाया हुआ एक डॉलर, सड़क पर पड़े मिलने वाले पाँच डॉलर से कहीं ज्यादा मूल्यवान होता है।
- आप उसे सिखायें कि उसे हार को शालीनता के साथ स्वीकार करनी चाहिये और जीत का शालीनता के साथ आनन्द लेना चाहिए।
- आप उसे बतायें कि वह दूसरों के प्रति इर्ष्या की भावना न रखे।
- आप उसे किताबी ज्ञान सिखाएं , पर साथ ही उसे आसमान में उड़ते हुए पक्षियों , धूप में उडती हुई मधु मक्खियों , हरी भरी पहाड़ियों के बीच लगे सुन्दर फूलों को निहारना भी सिखाएं।
- विद्यालय में आप उसे यह सिखाएं कि नकल करके परीक्षा उत्तीर्ण करने के बजाय अनुत्तीर्ण होना ज्यादा अच्छा है।
-आप उसे यह भी सिखायें कि उसे अपने सही विचारों पर विश्वास रखना चाहिये, चाहे दूसरे व्यक्ति उन विचारों को गलत कहें।
- शिष्ट लोगों के साथ शिष्टता का व्यवहार करने और ख़राब (अशिष्ट ) लोगों के साथ कठोरता का व्यवहार करने की बात भी आप उसे बताएं।
- आप उसमें इस प्रकार के विचार भर दें कि वह भीड़ का अनुकरण न करे, जबकि दूसरे व्यक्ति भले ही ऐसा कर रहे हों।
- उसे बताएं कि वह प्रत्येक व्यक्ति की बातों को सुने और फिर उन बातों को सत्य की कसौटी पर कस कर, उनमें से जो अच्छी बात हो, उसे अपना ले।
- आप उसे बतायें कि किस प्रकार दुःख को ख़ुशी में बदला जाये।किसी गलत बात पर रोने या पश्चाताप करने में कोई शर्म की बात नहीं है। उसे बतायें कि असफलता के साथ गौरव जुड़ा हो सकता है तथा सफलता के साथ हताशा जुड़ी हो सकती है।
-आप उसे बताएं कि वह अपनी प्रतिभा को उच्चतम कीमत देने वाले को बेचे लेकिन अपने दिल और आत्मा को कभी नहीं बेचे।
- आप उसे सिखाएं कि भीड़ द्वारा किये गये हा-हुल्ले को वह नहीं सुने और यदि वह सोचता है कि उसकी बात सही है, तो वह उस बात पर अडिग रहे।
- आप उस के साथ अच्छा व्यवहार करें परन्तु उससे अधिक लाड़ - प्यार मत करिये क्योंकि अग्नि की परीक्षा ही लोहे को अच्छा बनाती है।
-उसमें अधीर होने का साहस हो साथ ही बहादुर होने का धैर्य भी उसमें होवे।
-आप उसे सिखाएं कि वह स्वयं पर भरोसा रखे तभी वह ईश्वर व मानव जाति के प्रति विश्वास रख सकेगा।
-आप उसे बतायें कि सफलता पाने के लिए सारा आसमान उसका है।
आपका,
अब्राहम लिंकन