Saturday 17 October 2015

(1.1.8) Maniratna Mala मणिरत्न माला

मणिरत्न माला प्रश्नोत्तरी - आदि शंकराचार्यकृत

आदि शंकराचार्य जी महाराज ने भारतीय संस्कृति को सुदृढ़ बनाने के लिए अनेक प्रकार के कार्य किये हैं। आध्यात्मिक साहित्य की रचना उनका महत्वपूर्ण कार्य है।  उनकी एक पुस्तक है 'मणिरत्नमाला' जो प्रश्नोत्तर रूप में है इसलिए इसे प्रश्नोत्तरी भी कहा जाता है। उदाहरणार्थ कुछ प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं -
प्रश्न - दरिद्र कौन है?
उत्तर - जिसकी तृष्णा बढी हुई है।
प्रश्न - श्रीमान (धनी) कौन है?
उत्तर -जो पूर्ण संतोषी है।
प्रश्न - जीवित ही कौन मरा हुआ है?
उत्तर - उद्यमहीन।
प्रश्न - उत्तम भूषण क्या है?
उत्तर - सच्चरिता।
प्रश्न - परम तीर्थ क्या है?
उत्तर - अपना विशुद्ध मन।
प्रश्न - प्राणियों का ज्वर क्या है?
उत्तर - चिंता?
प्रश्न - मूर्ख कौन है?
उत्तर - विवेकहीन।
प्रश्न - जगत को किसने जीता है?
उत्तर - जिसने मन को जीत लिया है।
प्रश्न - हीनता का मूल क्या है?
उत्तर - याचना।
प्रश्न - दुःख का कारण क्या है?
उत्तर - ममता।
प्रश्न - शत्रु कौन है?
उत्तर - उद्योग का अभाव।
प्रश्न - अँधा कौन है?
उत्तर - जो अकर्तव्य में लिप्त है।
प्रश्न - बहरा कौन है?
उत्तर -जो हित की बात नहीं सुनता।
प्रश्न - गूंगा कौन है?
उत्तर - जो प्रिय वचन बोलना नहीं जनता।
प्रश्न - अधम कौन है?
उत्तर -चरित्रहीन।
प्रश्न - जगत को जीतने में समर्थ कौन है?
उत्तर - सत्यनिष्ठ और सहनशील।
प्रश्न - शोचनीय क्या है?
उत्तर - धन होने पर भी कृपणता।
प्रश्न - यथार्थ दान क्या है?
उत्तर - कामनारहित दान।
प्रश्न - आभूषण क्या है?
उत्तर - शील।
प्रश्न - वाणी का भूषण क्या है?
उत्तर - सत्य।
प्रश्न - अविद्या क्या है?
उत्तर - आत्मा की स्पूर्ति का न होना।
प्रश्न - सुख दायक कौन है?
उत्तर - सज्जनों की मित्रता।
प्रश्न - प्रशंसनीय क्या है?
उत्तर - उदारता।